राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने रचा इतिहास: विश्व ध्यान दिवस पर बना सामूहिक ध्यान का विश्व रिकॉर्ड

जोधपुर, 21 दिसंबर 2024: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने प्रथम विश्व ध्यान दिवस (World Meditation Day) पर सामूहिक ध्यान के क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया। अर्धपद्मासन में ध्यान का सामूहिक प्रदर्शन करते हुए, 5000 से अधिक लोगों ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि में भाग लिया और विश्व की पहली तथा केवल योग विश्व रिकार्ड्स को समर्पित रिकॉर्ड बुक \”योगा बुक ऑफ रिकार्ड्स\” में एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाने का दावा प्रस्तुत किया।

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संविधान पार्क बना ऐतिहासिक क्षण का गवाह
विश्वविद्यालय के संविधान पार्क में आयोजित इस भव्य आयोजन की अध्यक्षता माननीय कुलपति प्रो.(वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति ने की। इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पतंजलि योगपीठ से पधारे स्वामी श्री प्रमार्थ देव जी ने भाग लिया। उन्होंने प्रतिभागियों को ध्यान अभ्यास करवाया और ध्यान के मानसिक, शारीरिक, और आध्यात्मिक लाभों पर प्रकाश डाला।

दिग्गज हस्तियों की उपस्थिति ने बढ़ाया कार्यक्रम का गौरव
कार्यक्रम में कई गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही, जिनमें योगा बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के सीईओ श्री राकेश भरद्वाज, लक्ष्य पर्यावरण एवं जन कल्याण संस्थान के सचिव श्री राकेश निहाल, आर्मी कोणार्क से सूबेदार गजानंद, पतंजलि किसान सेवा समिति के राज्य प्रभारी श्री करणाराम चौधरी, सोशल मीडिया प्रभारी श्री दिलीप कुमार तिवारी, पूर्व कुलसचिव एवं प्राचार्य पीजीआई प्रो. गोविंद सहाय शुक्ल, और प्राचार्य पीजीआई प्रो. महेंद्र शर्मा शामिल थे।

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शिक्षा और सेवा संस्थानों का व्यापक समर्थन
इस विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले आयोजन में राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के सभी 40 से अधिक आंगिक महाविद्यालयों के साथ आईआईटी जोधपुर, आर्मी कोणार्क, एसएलबीएस महाविद्यालय, आयुर्वेद नर्सिंग मंगला पूंजला, और जीआईटी यूनिवर्सिटी से भारी संख्या में प्रतिभागियों ने भाग लिया।

कुलपति का संदेश: ध्यान को बनाएं जीवन का हिस्सा
माननीय कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार प्रजापति ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी प्रतिभागियों और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने ध्यान को तनाव प्रबंधन, अनिद्रा, और कई अन्य बीमारियों के समाधान के रूप में अपनाने का आह्वान किया।

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“सामूहिक ध्यान का यह आयोजन न केवल मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का प्रयास है, बल्कि विश्व स्तर पर भारत की योग और ध्यान परंपरा को स्थापित करने की दिशा में एक अहम कदम है,” उन्होंने कहा।

कार्यक्रम का संचालन प्रो. दिनेश चंद्र शर्मा ने बड़ी कुशलता से किया। यह आयोजन न केवल एक विश्वरिकॉर्ड बनाने वाला क्षण था, बल्कि योग और ध्यान के महत्व को नए सिरे से समझाने वाला ऐतिहासिक अवसर भी साबित हुआ।

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