नई दिल्ली — भारत की धरा एक बार फिर साक्षी बनी, जब योग की पावन ऊर्जा ने नई दिल्ली के इंदिरा गांधी एरिना को रोशन कर दिया। दूसरी एशियाई योगासन चैंपियनशिप का भव्य उद्घाटन आज हुआ। जिसमें भारत सरकार का युवा मामले और खेल मंत्रालय, साई और योगासन भारत मिलकर 25 से 27 अप्रैल 2025 तक नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में दूसरी एशियाई योगासन स्पोर्ट्स चैंपियनशिप का आयोजन करेंगे। इस चैंपियनशिप में 20 से अधिक एशियाई देशों के 170 एथलीट, 40 तकनीकी अधिकारी और 30 टीम मैनेजर और कोच भाग लेंगे। यह आयोजन योगासन को वैश्विक खेल के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह चैंपियनशिप चार आयु वर्ग 10 से 18, 18 से 28, 28 से 35 और 35 से 45 वर्ष में आयोजित की जा रही है । चैंपियनशिप का पहला सत्र 2022 में थाईलैंड के बैंकॉक में आयोजित किया गया था।
यह सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि भारत की आत्मा से निकली वह पुकार है, जो अब एशिया भर में गूंज रही है —योग, हमारी विरासत, हमारी शक्ति!
भारत का प्रण: योग को बनाना है वैश्विक खेलों का मुकुटमणि
उद्घाटन समारोह में केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने गर्व से कहा:
“भारत ने योग को जन्म दिया, अब भारत ही उसे ओलंपिक के शिखर तक पहुंचाएगा। यह चैंपियनशिप केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि संस्कृति, संतुलन और सामर्थ्य का उत्सव है।”
चैंपियनशिप में प्रतिभागी योगासनों की सटीकता, संतुलन और सुंदरता के साथ अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। पारंपरिक मूल्यों और आधुनिक प्रतिस्पर्धा का अद्भुत संगम इस आयोजन को एक ऐतिहासिक मोड़ दे रहा है।
27 अप्रैल तक चलेगी चैम्पियनशिप
एशियन योगासन स्पोर्ट चैंपियनशिप 27 अप्रैल तक जारी रहेगी, जिसमें आर्टिस्टिक, रिदमिक और टीम कैटेगरी में प्रतिस्पर्धाएं होंगी। यह आयोजन न केवल एथलेटिक क्षमता को उजागर करेगा, बल्कि योग के सम्पूर्ण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव को भी विश्व मंच पर प्रदर्शित करेगा।
एशिया की आवाज़, भारत का सपना
एशियन योगासन अध्यक्ष संजय मालपानी ने अपने ओजस्वी भाषण में कहा:
“यह चैंपियनशिप भारत का सपना नहीं, पूरे एशिया का स्वप्न है — योग को विश्व खेल मंच पर वह स्थान दिलाने का, जिसका वह हकदार है। आज हम इतिहास बना रहे हैं।”
नई दिल्ली — आज सिर्फ राजधानी नहीं, योग की राजधानी
तीन दिन तक चलने वाले इस महासंग्राम में जब-जब खिलाड़ी मंच पर उतरते हैं, पूरा एरिना जयकारों से गूंज उठता है — “योग भारत की आत्मा है, योग हमारा गौरव है!”