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धर्म
धर्म – आचरण, आस्था और आत्मिक चेतना का मार्ग
धर्म का वास्तविक अर्थ केवल पूजा-पाठ या रीति-रिवाजों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कर्तव्य, नैतिकता, सत्य और सेवा पर आधारित जीवनशैली है।
यह मानव को आत्म-उत्थान, समाज सेवा और ब्रह्म चेतना की ओर अग्रसर करता है।
धर्म का उद्देश्य:
☑️ सत्य और न्याय के मार्ग पर चलना
☑️ आत्मा की शुद्धता और मन की शांति पाना
☑️ समाज में सद्भाव, करुणा और सेवा की भावना फैलाना
“धर्म वह है जो धारण करने योग्य हो और जो सबके हित में हो।”
(मनुस्मृति)