नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस (World Meditation Day) के रूप में मनाने का ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया। यह पहल भारत के नेतृत्व में लिकटेंस्टीन, श्रीलंका, नेपाल, मैक्सिको और अंडोरा सहित अन्य देशों के सहयोग से सफल हुई। इस प्रस्ताव का उद्देश्य मानसिक शांति, आंतरिक संतुलन और समग्र मानव कल्याण को बढ़ावा देना है। हम आपको बता दे 02 नवम्बर से 24 नवम्बर तक ध्यान का वैश्विक प्रचार पसार एवं ध्यान के महत्त्व को जन जन तक पहुचाने के लिए विश्व में प्रथम बार वैश्विक स्तर पर योगा न्यूज़ 24 द्वारा विश्व ध्यान योग प्रतियोगिता का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया था।
विश्व ध्यान दिवस में भारत का नेतृत्व और योगदान
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा, “यह व्यापक कल्याण और आंतरिक परिवर्तन का दिन है! मुझे गर्व है कि भारत ने इस ऐतिहासिक पहल का नेतृत्व किया।” उन्होंने बताया कि यह प्रयास भारत के प्राचीन सिद्धांत ‘वसुधैव कुटुंबकम’ (दुनिया एक परिवार है) से प्रेरित है।
ध्यान योग वैश्विक सहयोग का प्रतीक
यह प्रस्ताव 193 सदस्यीय महासभा में सर्वसम्मति से पारित हुआ। यह इस बात का प्रमाण है कि ध्यान और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता अब एक वैश्विक प्राथमिकता बन गई है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इस अवसर पर कहा, “विश्व ध्यान दिवस (World Meditation Day) मानवता को आंतरिक शांति और सामूहिक कल्याण का संदेश देगा।”
विश्व ध्यान दिवस (World Meditation Day) पर विश्वभर में ध्यान सत्र, जागरूकता अभियान और शांति सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा। भारत सरकार और ध्यान से जुड़े संगठनों ने इस घोषणा का स्वागत किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “यह भारत की ध्यान परंपरा के लिए गर्व का क्षण है। यह दिन शांति और मानवीय कल्याण को बढ़ावा देगा।”
इस ऐतिहासिक घोषणा के साथ, संयुक्त राष्ट्र ने ध्यान के महत्व को वैश्विक स्तर पर मान्यता देते हुए इसे एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।